जीवन पथ दर्शन - ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन्' | Jeevan Path Darshan


35. बच्चों को छोटी उम्र में बाहर भेज देने के दुष्परिणाम

1. बच्चे पारिवारिक वात्सल्य एवं संस्कारों से वंचित रह जाते हैं।

2. भलीप्रकार से पोषण न हो पाने से जीवन पर्यन्त के लिए स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है।

3. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाने से रोग का आक्रमण जल्दी-जल्दी होने की सम्भावना रहती है।

4. माता-पिता केवल आवश्यकता पूर्ति के साधन रह जाते हैं। बच्चों का सहयोग मिलना नगण्य हो जाता है।

5. कुसंगति में नशा, जुआ, कुशील, स्वार्थ, महत्वाकांक्षा आदि दुर्गुणों की सम्भावना रहती है।

6. आधुनिक सुविधाओं और निश्चित व्यवस्था में रहने के अभ्यस्त हो जाने से पारिवारिक वातावरण रहन-सहन के प्रति उपेक्षा हो जाती है।

7. प्रेम विवाहों की सम्भावना कई गुनी बढ़ जाती है।

8. संयुक्त परिवार टूटते हैं।

(table of contents)

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