जन्म लिया है महावीर ने | Janm Liya Hai Mahaveer Ne

जन्म लिया है महावीर ने, उत्सव बड़ा महान है |
जैनम जयति शासनं ये जैन धर्म की शान है ||

चैत्र सुदी तेरस तिथि आयी, शुक्रवार का दिन प्यारा |
माँ त्रिशला के गर्भ से आये लिया प्रभु ने अवतारा |
दर्शन को आते नर-नारी, गाते मंगल गान हैं || (1)

कुण्डलपुर में खुशियां छाई, सिद्धार्थ जी हर्षाये |
वर्द्धमान शुभ नाम रखाया, मेरु शिखर पर वो आये |
न्वहन पूजा करें सभी, मंत्रों की गूंजे तान है || (2)

हिंसा पशु बलि आडम्बर से वर्द्धमान मन द्रवित हुआ |
मन में करुणा भर आयी, फिर जैन धर्म था उदित हुआ |
सत्य अहिंसा धर्म जियो, और जीने दो का ज्ञान है || (3)

बारह वर्ष की घोर तपस्या, खपा दिए थे कर्म सभी |
कैवल्यज्ञान को पाकर के फिर,जान लिए थे मर्म सभी |
निर्मल मन से महावीर का हम करते गुण-गान हैं || (4)

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