हे वीरा प्रभु महान | hey veera prabhu mahaan

हे वीरा प्रभु महान!!
तेरे चरण मे है मेरा लाल, तेरे शरण मे है मेरा लाल
तुम रखना इसे संभाल… ।।टेक।।

कठिन कठिन संसार का मारग कोमल इसके प्राण।
इस भव सागर के दुखों से कौन लगावे त्राण।।
हे रत्नत्रय दातार!! ए ओढे संवर ढाल ।।1।।

इन्द्रिय विषयों के खातिर ये जीवन नही गमावे ।
संयम धारण करके प्रभु जी कभी ना चित्त भरमावे।।
तेरे ज्ञान की लिए मशाल, सदा हो उन्नत इसका भाल।।2।।

मुनि मारग को पाकर प्रभु जी नही शिथिलता लावे।
निज आतम में रमकर प्रभु जी केवलज्ञान सु पावे ।।
जीवन सफल बनाकर प्रभु जी अरहन कहावे लाल।।3।।

आतम हित के मारग में यह आगे बढ़ता जावे।
शिवमहल में जाकर वीरा लौट कभी नही आवे।।
हे शिवरमणी भरतार!! यों जीते काल कराल।।4।।

Artist : ब्र. पं. सुमतप्रकाशजी

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