हे आतमा ! देखी दुति तोरी रे | He Aatma ! dekhi duti tori re

हे आतमा ! देखी दुति तोरी रे || टेक ||

निज को ज्ञान लोक को ज्ञाता, शक्ति नहीं थोरी रे |
जैसी जोति सिद्ध जिनवर में, तैसी ही मोरी रे || १ ||

जड़ नहिं हुवो फिरै जड़ के वसि, जड़ की रूचि जोरी रे |
जग के काजि करन जग टहलैं, ‘बुधजन’ मति भोरी रे || २ ||

Artist : कविवर पं. बुधजन जी

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