हर आत्मा में देखो | Har Aatma me dekho

हर आत्मा में देखो, भगवान बस रहा है ।
सम्मेदशिखर में देखो, अमृत बरस रहा है।।टेक

ये तीर्थधाम शाश्वत, मुनिवर अनन्त आए ।
पहिचानी अपनी प्रभुता, निज धाम में समाए।।
चौबीस जिनवरों का, अमृत यहाँ बहा है ।।
सम्मेदशिखर में देखो…।१ ।।

भगवान बनने वाले, भविजन यहाँ पे आते ।
अपने में अपने प्रभु को, पहचान के समाते ।।
अपनी निधि को पाने, पौरुष उछल रहा है।।
सम्मेदशिखर में देखो… ।२ ।।

सब तीर्थों का राजा, सम्मेद गिरि हमारा ।
सर्वोच्च सिद्ध गति को, पाने का इशारा ।।
सिद्धायतन स्वयं है, ये तीर्थ कह रहा है।।
सम्मेदशिखर में देखो…।३।।

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