है धर्म यहाँ की रीत सदा | hai dharm yahan ki reet sada

है धर्म यहाँ की रीत सदा, मैं साथी तुम्हें बताता हूँ।
जिन वीरों ने यहाँ जन्म लिया, उनकी गाथा बतलाता हूँ॥ टेक॥

ये तो पावन धरती है, जहाँ पर महावीर प्रभु आये थे।
सब जीयो सभी को जीने दो, मंगल सन्देश सुनाये थे।
मैं भी वही सन्देश को गाकर के तुम्हें सुनाता हूँ ॥१॥

श्री कुन्दकुन्द आचार्य देव ने इसी धरा पर जन्म लिया।
और विदेह क्षेत्र से लाकर हमको मुक्तिमार्ग सन्देश दिया।
सन्तों की अमृत वाणी का रसपान तुम्हें कराता हूँ ॥२॥

आओ हम सब भी मिलकर उन्हीं के पथ पर चलते हैं।
अब भक्त नहीं भगवान बनेंगे ऐसा कुछ कर सकते हैं।
उस वीतराग पथ पर चलने का ये रहस्य बतलाता हूँ ॥३॥

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