ज्ञान मयी मुरली बजाये जिनवाणी,
सुनो सुनो आत्म परमातम की खान।
ओंकार मयी वाणी जिनवर से आयी,
गणधर के अंतर में आके समायी।
मधुर मधुर अनुभव की छेड़ रही तान,
सुनो सुनो …
छहों द्रव्य सप्त तत्त्व स्वर मां गुंजाती
निज पर का भेदज्ञान ज्ञान से कराती।
हृदय में उमंग भरे सम्यक श्रद्धान,
सुनो सुनो…
दरश ज्ञान चरित्र की बजी ताता थईया ।
चिदानंद उमंग-उमंग नाचे ज्यों कन्हैया ।
अनुभव में आ रहा ज्ञायक भगवान,
सुनो सुनो…