गुरु ने पिलाया जो ज्ञान पियाला || टेक ||
भइ बेखबरी परभावां की, निजरस में मतवाला || १ ||
यों तो छाक जात नहिं छिन हूं, मिटि गये आन जंजाला || २ ||
अद्भुत आनन्द मगन ध्यान में, ‘बुधजन’ हाल सम्हाला || ३ ||
Artist : कविवर पं. बुधजन जी
गुरु ने पिलाया जो ज्ञान पियाला || टेक ||
भइ बेखबरी परभावां की, निजरस में मतवाला || १ ||
यों तो छाक जात नहिं छिन हूं, मिटि गये आन जंजाला || २ ||
अद्भुत आनन्द मगन ध्यान में, ‘बुधजन’ हाल सम्हाला || ३ ||
Artist : कविवर पं. बुधजन जी