ग्रंथ/ग्रन्थ समयसार हमें प्राणों से प्यारा | Granth Samaysar Humein Praano Se

ग्रंथ समयसार, हमें प्राणों से प्यारा।
यही है वो ग्रंथ होऽऽऽ², जिसने लाखों को तारा ।।टेक।।

णमो परमागमम्, णमो रत्नाकरम्, णमो जिनदेशनम्
णमो वागेश्वरम्, णमो लोए सव्व शब्द ब्रह्म ।।

शुद्धातम का ज्ञान कराता, परमातम का दर्श दिखाता ।
ज्ञान गगन में सैर कराता, सिद्ध प्रभु से भेंट कराता ।।
सदियों पुराना परमागम हमारा ।।1।।

श्रीमद् जी ने इसको पाकर, रत्न लुटाए झोली भर-भर।
गुरु कहान ने मारग पाया, श्री बनारसीदास को भाया ।।
कलिकाल सर्वज्ञ यही है हमारा ।।2।।

द्रव्य-दृष्टि का यही ग्रंथ है, स्वानुभूति का यही पंथ है।
शुद्धातम ही परमदेव है, स्वयं - स्वयंभू महादेव है ।।
न्यौछावर इस पर जीवन हमारा ।।3।।

4 Likes