गर्भ-कल्याणक आ गया | Garbh Kalyanak aa gya

गर्भ-कल्याणक आ गया,
देखो देखो देखो जी आनन्द छा गया॥ टेक॥

स्वर्गपुरी से देवगति को तजकर प्रभु ने नरगति पाई;
धन्य धन्य हैं त्रिशला माता तीर्थङ्कर की माँ कहलाई;
कुण्डलपुर में आनन्द छा गया ॥1॥

सोलह सपने माँ ने देखे मन में अचरज भारी है;
सिद्धारथनृप से फल पूछा उपजा आनन्द भारी है;
तीन भुवन का नाथ आ गया 2 ॥

अन्तिम गर्भ हुआ प्रभुजी का अब दूजी माता नहीं होगी;
शुद्धातम के अवलम्बन से आत्मसाधना पूरी होगी;
ज्ञान-स्वभाव हमें भा गया।॥3॥

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