दुखों से मुक्ति पाना है… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
पूजा करने जाते हो… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
पूजा की ना, मोक्ष की हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
2
स्कूल पढ़ने जाते हो… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
पाठशाला पढ़ने जाते हो… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
पाठशाला की ना, स्कूल की हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
3
भगवन तुमको बनना है… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
मुनिराज तुमको बनना है… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
मुनिराज की ना, भगवान की हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
4
प्रतिदिन तुम फल खाते हो… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
देख-शोधकर खाते हो… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
शोधने की ना, और खाने को हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
5
झगड़ा करना आता है… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
प्रेम करना आता है… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
प्रेम की ना, झगड़े की हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
6
गाली देना आता है… ?.. हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ
मौन रहना आता है… ?.. ना जी ना जी ना जी ना
मौन की ना, और गाली की हाँ, ऐसे तो सुख मिले कहाँ ?
Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी