बाबाजी तुम मंदिर जाते, हम भी साथ चलेंगे।
भक्ति भाव से प्रभु दर्शन कर, चरणों शीश धरेंगे।।
धीरे-धीरे कर परिक्रमा, कायोत्सर्ग करेंगे।
कभी कहीं नहीं शोर मचायें, अपना पाठ पढ़ेंगे।
तत्त्वज्ञान कर सम्यक् श्रद्धा, अरु आचरण करेंगे।।
Artist: बाल ब्र. श्री रवीन्द्रजी ‘आत्मन्’
Source: बाल काव्य तरंगिणी