छायो छायो छायो रे छायो, आनंद छायो रे
जन्मकल्याणक आयो रे
आयो आयो आयो रे आयो, जिन शिशु आयो रे
मरूदेवी ने जायो रे |
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देव-देवियाँ नृत्य रचाएँ, हर्षित हैं, सब सुरबालाएँ
जिनवर की भक्ति के रंग में, हम सब भी रंग जाएँ
ओऽऽऽसभी नाचे गाएँ झूम-झूम कर नाच-नाचकर हर्षोत्सव मनाएँ
छायो छायो… | -
चंदन केशर घोलें सखियाँ, वंदनवार सजाएँ
बाजे दुंदुभी साज मनोहर, भूमंडल गुंजाऐं।
ओऽऽऽ भूमंडल गुंजाऐं झूम-झूम कर नाच-नाचकर जन्मोत्सव मनाएँ
छायो छायो… | -
अद्भुत ललना माँ ने जायो, तीन ज्ञान का धारी
अन्तर के आनंद में झूले, त्रिजग मंगलकारी ओऽऽऽ
मंगलकारी झूम-झूम कर नाच-नाचकर धर्मोत्सव मनाएँ
छायो छायो…