छायो आनंद छायो रे | Chhayo Anand Chhayo Re

छायो छायो छायो रे छायो, आनंद छायो रे
जन्मकल्याणक आयो रे
आयो आयो आयो रे आयो, जिन शिशु आयो रे
मरूदेवी ने जायो रे |

  1. देव-देवियाँ नृत्य रचाएँ, हर्षित हैं, सब सुरबालाएँ
    जिनवर की भक्ति के रंग में, हम सब भी रंग जाएँ
    ओऽऽऽसभी नाचे गाएँ झूम-झूम कर नाच-नाचकर हर्षोत्सव मनाएँ
    छायो छायो… |

  2. चंदन केशर घोलें सखियाँ, वंदनवार सजाएँ
    बाजे दुंदुभी साज मनोहर, भूमंडल गुंजाऐं।
    ओऽऽऽ भूमंडल गुंजाऐं झूम-झूम कर नाच-नाचकर जन्मोत्सव मनाएँ
    छायो छायो… |

  3. अद्भुत ललना माँ ने जायो, तीन ज्ञान का धारी
    अन्तर के आनंद में झूले, त्रिजग मंगलकारी ओऽऽऽ
    मंगलकारी झूम-झूम कर नाच-नाचकर धर्मोत्सव मनाएँ
    छायो छायो…

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