चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। टेक।।।
शांत छवि जिनवर की लखकर, हम भी मिथ्या मोह तजेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 1 ।।
जगत असार समझकर स्वामी, हम भी अपनी ओर लखेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 2 ।।
शास्त्र सुनेंगे तत्त्वज्ञान कर, हम रत्नत्रय प्रकट करेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 3 ।।
क्रोध - मान-माया छोड़ेंगे, लोभ, काम, आलस्य तजेंगे।
'चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 4 ।।
करें साधना अरू प्रभावना, मुक्तिमार्ग में नित्य बढ़ेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 5 ।।
हो निर्ग्रन्थ निजातम घ्यावें, कर्म कलंक समूल हरेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 6 ।।
प्रभु सम ही प्रभुता प्रगटावें, सिद्धालय में वास करेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 7 ।।
प्रभु चरणों में शीश नवावें, अपना जीवन सफल करेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 8 ।।
दर्शन करेंगे भक्ति करेंगे, भक्ति करेंगे पूजा करेंगे।
चलो चलो मंदिर में दर्शन करेंगे ।। 9 ।।
उक्त रचना में प्रयुक्त हुए कुछ शब्दों के अर्थ
१. प्रभावना =उत्कृष्ट भावना
पुस्तक का नाम:" प्रेरणा "
पाठ क्रमांक: ०४
रचयिता: बाल ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन्