चलो चलें मंदिर में दर्शन करेगें,दर्शन करेगें भक्ति करेगें।
भक्ति करेंगें पूजा करेंगें।।चलो।।
शांत छवि जिनवर की लखकर हम भी मिथ्या भाव तजेंगे।
जगत असार समझकर स्वामी हम भी अपनी ओर चलेंगे।।
शास्त्र सुनेंगें तत्त्व ज्ञान का, अणुव्रत संयम प्रगट करेगें।
क्रोध मान माया छोड़ेगें लोभ काम आलस्य तजेंगें।।
करे साधना अर प्रभावना , मोक्ष मार्ग में नित्य बढ़ेगें ।
हो निर्भय निजातम ध्यावे कर्म कलंक समूल नशेंगे।।
प्रभु सम ही प्रभुता प्रगटाये सिद्धालय में वास करेगें।
प्रभु चरणों में शीश नवायें, अपना जीवन सफल करेंगें।।