बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी
कहो कहाँ से आई हो ?
तुमने कैसे पाप किये जो
ऐसी गति में आई हो।
क्या बतलाऊं ज्ञायक भाई
कैसे कैसे पाप किये।
मायाचारी झूठ पाप के
मैंने अत्याचार किये।
बिल्ली मौसी ऐसी गलती
आगे कभी नहीं करना।
कार्य करो तुम ऐसा मंगल,
चार गति का क्षय करना।