भावना | Bhavna(thoughts)

सप्त व्यसन से दूर रहेंगे, पंच उदुम्बर त्याग करेंगे।
रात्रि भोजन नहीं करेंगे, अयोग्य भोजन नहीं करेंगे।।
पानी छना काम में लेंगे, सरल सत्य व्यवहार करेंगे।
सब जीवों से प्रेम करेंगे, गुणीजनों की विनय करेंगे।।

सेवा वैयावृत्त करेंगे, उनके सद्‌गुण ग्रहण करेंगे।
दुखियों पर हम दया करेंगे, दुर्जन में माध्यस्थ रहेंगे।।
निज पर भेदविज्ञान करेंगे, द्रव्य दृष्टि हम नित्य रखेंगे।
आत्मसाधना सदा करेंगे, धर्म प्रभावना सदा करेंगे।।

Artist: बाल ब्र. श्री रवीन्द्रजी ‘आत्मन्‌’
Source: बाल काव्य तरंगिणी