भजमन भक्तियुक्त भगवान, भरोसा क्या जिन्दगानी का
क्या जिन्दगानी का, भरोसा क्या जिन्दगानी का ||
- चंचल अमल कमल दल ऊपर, ज्यों करण पानी का
जान तरल त्यों तन क्षरण भंगुर, जग में प्राणी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
- उदय अस्त लौं राज हुवा वा पति इन्द्राणी का ।
बना तद्यपि रहा लोभ, तोय हा, कौड़ी कानी का
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
- शरद जलद बुदबुद सम जाहिर, जोर जवानी का ।
मत कर गर्व गुमान, मान कहना गुरु ज्ञानी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
- या जग में कहो कौन दैत्य, दशमुख की सानी का ।
बता पता है कहां, उसी रावण अभिमानी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
- है दुर्गति दातार प्रेम, दूजी दिल जानी का ।
को नहीं पाया क्लेश, प्रेमकर त्रिया विरानी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
6, क्या विश्वास श्वास का पुनि इस दुनिया फानी का । लेले संबल संग, नहीं घर आगे नानी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |
- जिनधर्म का श्रीसंघ रसिक है, श्री जिनवाणी का । ‘माधव मुनि’ कहै कथन मान मन सुमति सयानी का |
भजमन भक्तियुक्त भगवान,
भरोसा क्या जिन्दगानी का |