सम्यग्दर्शन प्राप्त करेंगे।
सप्त भयों से नहीं डरेंगे।।
सप्त तत्त्व का ज्ञान करेंगे।
जीवन-अजीव पहिचान करेंगे।
स्व-पर भेदविज्ञान करेंगे।
निजानन्द का पान करेंगे।।
पंच प्रभु का ध्यान धरेंगे।
गुरूजन का सम्मान करेंगे।।
जिनवाणी का श्रवण करेंगे।
पठन करेंगे, मनन करेंगे।।
रात्रि भोजन नहीं करेंगे।
बिना छना जल काम न लेंगे।।
निज स्वभाव को प्राप्त करेंगे।
मोह भाव का नाश करेंगे।
राग-द्वेष का त्याग करेंगे।
और अधिक क्या ? बोलो बालक !
भक्त नहीं, भगवान बनेंगे।।