बनारस में बज रही बधइयां | Banaras me baj rahin badhaiyan

बनारस में बज रही बधइयां, बनारस में बज रही रे ओ…हो…होक
यहां जन्में हैं पारस ललना, यहां जन्में है देखो पारस ललना…

१. तीन-तीन ज्ञान धारी ललना, तीन-तीन ज्ञान धारी हो…ओ…हो
इन्द्र कुबेर स्वर्गपुरी में करते हैं रत्नों की वर्शा
बनारस में बज रही बधइयां, यहां जन्में हैं पारस ललना,
यहां जन्में है देखो पारस ललना…२

२. छप्पन कुमारियां आई, अश्ट देवियां ओ…हो…हो
रात दिना करें मां की सेवा, वामा माता की सेवा
बनारस में बज रही बधइयां, यहां जन्में हैं पारस ललना,
यहां जन्में है देखो पारस ललना…२

३. अन्तिम जन्म धारी ललना, अन्तिम जन्म धारी हो…ओ…हो
गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान कल्याणक, देव मनाएं मोक्ष कल्याणक
बनारस में बज रही बधइयां, यहां जन्में हैं पारस ललना,
यहां जन्में है देखो पारस ललना…

रचयिता - डॉ. विवेक जैन, छिंदवाडा

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