बहे अमृत धार देखो | bahe amrut dhaar dekho

बहे अमृत धार देखो सर ररर…
नाचे धरती सारी देखो सर ररर…
यहाँ पूँजे जयकारा देखो सर ररर…
तेरे जन्म महोत्सव में, कि भव्यों की भीड़ आ गयी,
आ गयी कि भव्यों…।।टेक।।

तीन लोक के दिनकर जन्में, कुंडलपुर का क्या कहना
सारी नगरी बनी दुल्हनियाँ, मानो पहना है गहना
तेरा दर्शन पाने को ऽऽऽ कि भव्यो…।।१।।

वर्धमान है नाम तुम्हारा चंद्र छवि का क्या कहना
त्रिशला देवी मात तुम्हारी, आज हुआ पूरा सपना
तेरा दर्शन पाने को ऽऽऽ कि भव्यो…।।२।।

आदि प्रभु का पंचकल्याणक, अलीगढ़ नगर का क्या कहना
मुमुक्षुओं का लगा है मेला, कहान गुरु का क्या कहना
तेरा दर्शन पाने को ऽऽऽ कि भव्यो…।।३।।

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