बधाई हो बधाई , जन्मदिन की बधाई हो
जन्म हो धर्म से सार्थक , सदा ही सुखदाई हो । 1
अहो जिनराज की श्रद्धा , अहो मुनिराज की श्रद्धा
अहिंसा धर्म की श्रद्धा , सदा ही सुखदाई हो । 2
प्रयोजनभूत तत्त्वों का , सदा श्रद्धान सम्यक् हो
भेद-विज्ञान समता भाव , हमको सुखदाई हो । 3
प्रमाणीक नीतिमय जीवन , ज्ञान-वैराग्यमय जीवन
सत्य संतोषमय जीवन , सदा ही सुखदाई हो । 4
सहज संयम का हो पालन , अहो शुद्धात्म आराधन
समाधि अंत में प्रभुवर , सदा ही सुखदाई हो । 5
जन्म हो सार्थक स्वामी , तेरे चरणों की भक्ति से
अहो जिनराज का शासन , सदा ही सुखदाई हो । 6
रचयिता: आ० ब्र० रवीन्द्र जी ’ आत्मन् ’