बधाई गाओ रे! …अयोध्या चालो रे…आ हा…
जन्मे हैं ऋषभ कुमार कि मंगल गावो रे ऽ ऽ ऽ ऽ
कि मंगल गावो रे ऽ ऽ ऽ ऽ॥टेक॥
नगर अयोध्या सजी हुई है, मंगल तोरण द्वारे…।
रंग बिरंगी झल्लरियों से, स्वर्ग को लाज है आवे…२
दशदिशायें आनन्दित है…२
अद्भुत शोभा पावै ।
बधाई गाओ रे… ॥१॥
तीन लोक में खुशियां छाई, नारकी भी उल्लासे…
उर्ध्व लोक भी मध्य लोक में, आनन्द रस बरसावे…२
मरुदेवी फूली न समावे…२
नाभिराय मुसकाये… ॥
बधाई गाओ रे… ॥२॥
आज ऋषभ का जन्म हुआ है, मुक्ति का मार्ग खुलेगा।
भव से पार लगाने वाला, रत्नत्रय हमें मिलेगा…२
केवल ज्ञान की रश्मियों से,…२
निज के संग रहेगा…।
बधाई गाओ रे… ॥३॥
प्रभु निज चैतन्य साधना में, परिपूर्णलीन होवेंगे।
निज स्वभाव के साधन से, वे मुक्ति नार वरेंगे।
एक मात्र ध्रुव धाम आत्मा,…२
जिन शासन का सार ॥
बधाई गाओ रे… ॥४॥