अपना जीवन सफल करेगें । Apna Jivan Safal Karenge

धीर-वीर गंभीर बनेंगे, निज पर का कल्याण करेंगे ।। टेक ॥।

देव-शास्त्र-गुरु धर्म समझकर, हम सम्यक् श्रद्धान करेंगे।
पापोदय की विपदाओं में, धैर्य धरेंगे, भक्ति करेंगे ।। 1 ।।

प्रभु नाम जपेंगे, नहीं डरेंगे, सम्यक् तत्त्व विचार करेंगे।
नहीं संपदाओं को चाहें, सहज मिले तो नहीं फँसेंगे ।। 2 ।।

सम्यक् श्रद्धा को नहीं छोड़ें, और नियम से नहीं डिगेंगे।
क्षुब्ध’ न हों मध्यस्थ रहेंगे, समता से ही सहन करेंगे ।। 3 ।।

स्वाध्याय को करें सार्थक, निश्चय आतम ध्यान धरेंगे।
आतम प्रभुता प्रगट करेंगे, अपना जीवन सफल करेंगे ।। 4 ।।

उक्त रचना में प्रयुक्त हुए कुछ शब्दों के अर्थ
१. क्षुब्ध = चिंतित / क्रुद्ध / भयभीत

पुस्तक का नाम:" प्रेरणा "
पाठ क्रमांक: ०७
रचयिता: बाल ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन् ’

1 Like