आदि जिनन्दा-२ आदि जिनन्दा-२ | Adi jindanda

आदि जिनन्दा-२ आदि जिनन्दा-२
दिव्य ध्वनि दुर्गति नाशिनी
स्व और पर में भेद प्रकाशिनी
जन्म-मरण भयभीत है तुमसे आ ऽऽऽऽ
अमर करे तेरी पूजा, आदि…||

अम्बर में लगता दरबार
भव्य करे तेरी जय जयकार परम शान्त है
मुद्रा तेरी आ ऽ ऽ ऽ तुझसा नहीं कोई दूजा, आदि॥२॥

पावन निश्चय नय व्यवहार
स्याद्वाद वाणी भव पार
अमर तत्व चैतन्य सभी का आ ऽ ऽ
अद्भुत श्री जिन की महिमा आदि जिनन्दा॥२॥