अच्छे बच्चे वे होते हैं, प्रात: सबेरे उठते हैं।
प्रतिदिन मंदिर जाकर, ही भोजन अपना करते हैं।।
माता-पिता की सेवा करते, जी लगा कर पढ़ते हैं।
चीज किसी की नहीं चुराते, झूठ कभी नहीं कहते हैं।।
रात्रि भोजन नहीं करते हैं, जल्दी ही सो जाते हैं।
नहीं झगड़ते कभी किसी से, आदर सबका करते हैं।।
Artist: बाल ब्र. श्री सुमत प्रकाश जी
Source: बाल काव्य तरंगिणी