आया जन्मकल्याणक महान, हिल मिल नृत्य करो | aaya janmkalyanak mahan hil mil nruty

आया जन्मकल्याणक महान, हिल मिल नृत्य करो॥ टेक॥

इन्द्र कुबेर स्वर्ग से आये, हीरा रत्न पुष्प बरसाये;
त्रिशला माँ के अँगना में आज, हिल मिल नृत्य करो ॥१॥

निरखत प्रभु छवि मन हरषाये, इन्द्र ने नेत्र हजार बनाये;
गाओ सब मिलकर मङ्गलगान, हिल-मिल नृत्य करो ॥२॥

भाई भी आओ बहनों भी आओ, जन्मकल्याणक महोत्सव मनाओ;
करो आतम का अब कल्याण, हिल-मिल नृत्य करो ॥३॥

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