आपा प्रभु जाना मैं जाना
परमेसुर यह मैं इस सेवक, ऐसो भर्म पलाना || टेक ||
जो परमेसुर सो मम मूरति, जो मम सो भगवाना |
मरमी होय सोइ तो जानै, जानै नाहीं आना || १ ||
जाकौ ध्यान धरत हैं मुनिगन, पावत हैं निरवाना |
अर्हत सिद्ध सूरि गुरु मुनिपद, आतमरूप बखाना || २ ||
जो निगोद में सो मुझ माहीं, सोई है शिवथाना |
‘द्यानत’ निहचै रञ्च फेर नहिं, जानै सो मतिवाना || ३ ||
Artist- पं. द्यानतराय जी