Who is Vajranabhi Chakravarti in Vairagya Bhavna?

The Vairagya Bhavna talks about Vajranabhi Chakravarti so I would like to know who is Vajranabhi Chakravarti.

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Past life of Parsvnath bhagwaan

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Is it Parshvanath Bhagwan or Adinath Bhagwan?

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पारसनाथ भगवान

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किस क्षेत्र के थे ये चक्रवर्ती? जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र के ही?

भूधरदास जी द्वारा रचित वैराग्य भावना में वज्रनाभि चक्रवर्ती का नाम आता है। पुराणों के अनुसार दो वज्रनाभि चक्रवर्ती का उल्लेख है/-

  1. महापुराण/ सर्ग/श्लो. नं. - पुंडरीकिणी के राजा वज्रसेन का पुत्र था। (11/89)। चक्ररत्न प्राप्त किया। (11/38-55)। अपने पिता वज्रसेन तीर्थंकर के समीप दीक्षा धारण कर। (11/61-62)। तीर्थंकर प्रकृति का बंध किया। (11/79-80)। प्रायोपगमन संन्यासपूर्वक। (11/94)। श्रीप्रभ नामक पर्वत पर उपशांतमोह गुणस्थान में शरीर को त्याग सर्वार्थसिद्धि में अहमिंद्र हुए। (11/110-111)। यह भगवान् ऋषभदेव का पूर्व का तीसरा भव है।

  2. महापुराण/79/ श्लो. नं. - पद्म नामक देश के अश्वपुर नगर के राजा वज्रवीर्य का पुत्र था।29-32। संयम धारण किया।34-35। पूर्वभव के वैरी कमठ के जीव कुरंग भील का उपसर्ग।38-39। को जीतकर सुभद्र नामक मध्यम ग्रैवेयक में अहमिंद्र हुए ।40। यह भगवान् पार्श्वनाथ का पूर्व का चौथा भव है।

इसमें कौन से वज्रनाभि को याद करना है, इसका उल्लेख कवि महोदय नही किया है। लेकिन प्रायः सभी जन पार्श्वनाथ भगवान के पूर्व भव को ही इसमें याद करते हैं।

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वैराग्य भावना में आयी इन पंक्तियों में श्री क्षेमंकर मुनि का उल्लेख आता है जो पार्श्वनाथ भगवान के वज्रनाभि चक्रवर्ती के भव की कथा में आता है | इसलिए यह वैराग्य भावना भगवान पार्श्वनाथ के वज्रनाभि चक्रवर्ती भव के ऊपर ही लिखी होनी चाहिए |

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