तुम जैसा मैं भी बन जाऊं | Tum Jaisa Main Bhi Ban Jaun

तुम जैसा मैं भी बन जाऊं, ऐसा मैंने सोचा है,
तुम जैसी समता पा जाऊं, ऐसा मैंने सोचा है ।

भव वन में भटक रहा भगवन, ऐसी चिन्मूरत न पाई है।
तेरे दर्शन से निज दर्शन की,सुधि अपने आप ही आई है।
शांति प्रदाता मंगलदाता, मुश्किल से मैंने खोजा है,
तुम जैसी समता पा जाऊं… ।।(1)

कितनी प्रतिकूल परिस्थिति में, मुझको वैराग्य न आता है।
संसार असार नहीं लगता, मन राग रंग में जाता है।
विषय वासना की जड गहरी, काटो नाथ भरोसा है,
तुम जैसी समता पा जाऊं…||(2)

हे जिनधर्म के प्रेमी सुन लो, कह गये कुंद कुंद स्वामी |
भव सागर से तिरने में फ़िर,कल्याणी माँ श्री जिनवाणी |
रूप तुम्हारा सबसे न्यारा, करना सिर्फ भरोसा है,
तुम जैसी समता पा जाऊं…।।(3)

2 Likes