प्रभु थारी आज महिमा जानी

प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
अबलौं मोह महामद पिय मैं, तुमरी सुधि विसरानी
भाग जगे तुम शांति छवी लखि
भाग जगे तुम शांति छवी लखि
जड़ता नींद बिलानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
जगविजयी दुखदाय रागरुष, तुम तिनकी थिति भानी
शांतिसुधा सागर गुन आगर
शांतिसुधा सागर गुन आगर
परमविराग विज्ञानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
सा नि धा पा नि धा पा मा गा
समवसरन अतिशय कमलाजुत, पै निर्ग्रन्थ निदानी
क्रोधबिना दुठ मोहविदारक
क्रोधबिना दुठ मोहविदारक
त्रिभुवनपूज्य अमानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
एकस्वरूप सकलज्ञेयाकृत, जग-उदास जग-ज्ञानी
शत्रुमित्र सबमें तुम सम हो
शत्रुमित्र सबमें तुम सम हो
जो दुखसुख फल यानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
सा नि धा पा नि धा पा मा गा
परम ब्रह्मचारी है प्यारी ,तुम हेरी शिवरानी
है कृत्कृत्य तदपि तुम शिवमग
है कृत्कृत्य तदपि तुम शिवमग
उपदेशक अगवानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
भई कृपा तुमरी तुममे तै ,भक्ति सो मुक्ति निशानी
है दयाल अब देहु दोंल को
है दयाल अब देहु दोंल को
जो तुमने कृति ठानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी
प्रभु थारी आज महिमा जानी