नय की आवश्यकता क्यों हैं?

नय की आवश्यकता क्यों हैं?

यद्यपि सभी जीव स्वभाव से नयपक्षातीत (या कल्पनातीत) है। तथापि संसारी जीव को अनादि से वस्तु के सन्दर्भ में अनेक प्रकार की असत्कल्पनाये हैं उनका नाश सतकल्पनाओ के बिना नहीं हो सकता हैं। नयो के द्वारा सतकल्पनाओ प्ररूपित होती हैं इसलिए नयो की आवश्यकता होती हैं।
नयपक्षातीत का अर्थ हैं की जीव स्वभाव (या कोई भी वस्तु ) मूल में अभेद, अखंड, एक और अनुपचार स्वभाव वाला है। और उसमे नयो के द्वारा भेद व उपचार किया जाता है।