1-होली जलानी ही है तो पाप और
विकारों की होली जलाये।
2-खेलनी ही है तो होली रंगो के साथ नही
वीतरागी संतो के साथ खेलिये।
3-जीवन मे वीतरागता का रंग चढ़े,ये ही
सच्ची होली है।
4-गंदे रंगो को मुँह पर मत लगाइये बल्कि
शील,संयम और सदाचार से अपने
जीवन को सजाइये।
5-ज्ञान की गुलाल ही,सबके मस्तक पर
लगाइये।
6-संयम की पिचकारी से अपनी परिणति
को खूब भिगाइये।
7-पानी से नही,जिनवाणी से सबको
नहलाइये।
8-किसी को कीचड़ नही लगाइये बल्कि
पाप के कीचड़ में फॅसे जीव को उससे
छुड़ाइये।
9-भगवंतों के रंग में रंगने के लिए,अपना
सारा जीवन लगाइये।
10-होली नही, holy अर्थात पवित्रता का
पर्व मनाइये।