आभार प्रकट की एक छोटी सी भावना

इस ऑनलाइन फोरम से जुड़े आज 11 दिन हो गए। जैन धर्म से रेगार्डिंग कुछ सर्च करते करते रेंडमली हाथ लगा।:innocent:
जो भी मेरी क्वेरीज होती है। सॉल्व करने में सभी मेंबर्स तत्पर रहते हैं। उम्र के इस पड़ाव में आकर दिगम्बर जैन धर्म के बेसिक्स को समझने की भूख जगी है। कठिन तो लग रहा है। परंतु सीखने समझने और फिर अपने चारित्र में उतारने के शुद्ध भाव भी है। एक छोटे बच्चे की तरह रहती है मेरी सारी क्वेरीज।
किन्तु यकीन है आप सबका सहयोग मुझे divine पाथ पर चलने में बहुत मददगार साबित होगा। ऐसा प्रतीत होता है यहां सभी बहुत गुणीजन एवं ज्ञानवान है।
आप सबका हृदय की गहराई से बहुत बहुत आभार।:pray::blush:

इसी तरह आप सब मोक्षमार्ग पर चलते रहें। जैन धर्म की प्रभावना करते रहें।

छोटों को प्यार और आशीर्वाद

बड़ों को धोक।:pray:
जय जिनेंद्र।:pray::blush:

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आप सब के इन्ही कोमल वचनों से हमारी टीम को motivation मिलता रहता है। आप यहां हमसे जुड़ीं और इस फोरम का आपने इतना अच्छा use किया, यही हमारी सफलता है।
कोई प्रश्न छोटा-बड़ा नहीं होता, इसलिए कभी ये न सोचें कि आपके प्रश्न छोटे हैं। आपके प्रश्नों से हमारा भी revision होता रहता है।
जैन धर्म का पहला पाठ ‘मैं जीव हूँ’, आज भी अंतर में उतारने को हम तत्पर हैं। basics तो सदैव काम के हैं।

आशा है आपके सभी प्रश्नों के जबाब आपको मिलेंगे और आप हमसे जुड़ी रहेंगी । अपने अन्य मित्रजनों और परिवारजनों को भी जोड़ें ताकि उन्हें भी लाभ मिल सके।
आपका पुनः खूब आभार।

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