लक्ष्मण की मृत्यु होने पर जब 6 माह तक राम
उन्हें लेकर घूमे तो क्या मृत्यु के उपरान्त उनके शरीर पर कोई बदलाव नहीं हुआ?
सर्व प्रथम आपका धन्यवाद कई महीनों बाद आपके प्रश्न के निमित्त से मूजे पद्मपुराण का स्वादध्याय हुआ।
महापुरुषोंके शरीर में इतनी विशेषतापाई जाती है। मरने के बाद भी कुछ काल तक शरीर जैसे का तेसा बना रहता है।मात्र श्वाछोस्वास और पलक झपकना आदि कार्य बंध हो जाते है।
भाई! ये दौलतरामजी के विचार हैं, न कि पुराणकर्ता के
मुझे ऐसा याद था कि देवों ने विक्रिया से लक्ष्मण का शरीर बना दिया था।
वे क्यूं ऐसा करेंगे वे तो स्वयम ऐसा चाहते थे कि रामचन्द्र जी लक्ष्मण की मृत्यु को स्वीकार करे।
वे तो अन्य अन्य पद्धतियों से राम चन्द्रजी को स्वीकार करवाना चाहते थे।
मात्र 2 ही देव, जिनका पूर्वभव में राम जी से गहरा सम्बन्ध था वे ही समझाने आए थे, अन्य कोई नहीं।
वो तो मात्र मृत शरीर की स्थिति के सम्बन्ध में विचार हुआ और कुछ पढ़ा-सा याद भी है। लेकिन कुछ निश्चित नहीं हो पा रहा था अतः प्रश्न किया।
आपने कुछ प्रकाश तो डाला है। धन्यवाद