मेरा एक प्रश्न है आचार्य कुंदकुंद देव ने समयसार का नाम "समयसार"क्यों रखा? इसका नाम पदार्थसार, या वस्तुसार भी रखा जा सकता था। यह प्रश्न इसलिए कर रहा हूं क्योंकि समय शब्द का जन व्यापक अर्थ टाइम से लिया जाता है। आज भी और शायद भूतकाल (आचार्य कुंदकुंद देव के काल में भी) में भी समय को टाइम से ही समझा जाता था, फिर “समयसार” नाम क्यों रखा? क्या “समय” शब्द का अर्थ “पदार्थ” भी विशेष प्रचलित था?
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मोक्षमार्ग मे समय का अर्थ 6द्रव्य या शुद्धात्मा करना चाहिए।जैसे-दर्शन शब्द का अर्थ श्रद्धान करते है।
वोच्छामि समयपाहुड(1)
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Agree with you, but was “Samay” word so popular at that time just wondering.