गुणस्थान सम्बन्धी

दर्शन प्रतिमा वाले जीव का कौन सा गुण स्थान होता है

प्रतिमा धारण करना यह चरणानुयोग की अपेक्षा से देश संयमी है।
परंतु करणानुयोग की अपेक्षा से जिनको अनंतानुबंधी और अप्रत्याख्यानावरण का अनुदय हो वे ही पंचम गुणस्थानवर्ती हो सकते है।

प्रतिमाधारी श्रावक में योग्यता है कि पंचम गुणस्थान ग्रहण कर सके,जो असंयमी अर्थात त्रसहिंसा का त्याग नही किया उनकी योग्यता भी नही है पंचम गुणस्थान प्राप्त करने की।ऐसा निमित्तनैमित्तिकसंबंधपाया जाता है।

परंतु प्रतिमा धारण कर ली और पंचम गुणस्थानवर्ती हो ही गये यह मानना और कहना मिथ्या है क्योंकि वह जीव 1 से 5 में किसी मे भी हो सकता है।यह तो केवलज्ञानगोचर विषय है।

प्रश्न ये है कि पंचम गुणस्थान पहली प्रतिमा से होता है या दूसरी प्रतिमा से

1 Like

यँहा अष्ट मूलगुणों से क्या ले पांच अणुव्रत और मद्य मांस और मधु का त्याग या पांच उदम्बर का त्याग

जी बिल्कुल
सही कहा यहां अष्ट मूलगुणों में समन्तभद्र स्वामी वाली विवक्षा को ग्रहण करना चाहिए।

1 Like