मतिज्ञानादि के स्वरूप को विशेष रूप से समझने के लिए कौनसे ग्रंथ का आधार लिया जा सकता है?
गोम्मटसार जीवकाण्ड जी में ज्ञान प्ररूपणा में मिल जाएगा।
तत्त्वार्थसूत्र की समस्त टीकाएँ।
गोम्मटसार
धवला भाग 5(not conform)
मतिज्ञानादि के स्वरूप को विशेष रूप से समझने के लिए कौनसे ग्रंथ का आधार लिया जा सकता है?
गोम्मटसार जीवकाण्ड जी में ज्ञान प्ररूपणा में मिल जाएगा।
तत्त्वार्थसूत्र की समस्त टीकाएँ।
गोम्मटसार
धवला भाग 5(not conform)