लेश्या कषायों की तीव्रता को बताता है। प्रश्न है कि लेश्या का सम्यक्त्व या कषायों की चौकड़ी से कुछ सम्बन्ध है? जैसे:
- क्या सम्यग्दृष्टि को भी कृष्ण लेश्या होती है? जैसे भरत-बाहुबली का युद्ध कृष्ण लेश्या थी? या श्रेणिक राजा की आत्म-हत्या? या सम्यग्दृष्टि नारकी के परिणाम?
- क्या मिथ्यादृष्टि को भी शुक्ल लेश्या होती है? जैसे द्रव्यलिंगी मुनि, जो ग्रैवियक जाते है, उन्हें शुक्ल लेश्या के परिणाम होते है?
To summarise: सभी कषाय चौकड़ी में कृष्ण-शुक्ल हो सकते है? हाँ, संज्वलन में तीन लेश्या नहीं होंगी क्यूंकि वहां अशुभ परिणाम नहीं है, लेकिन अप्रत्याख्यान और प्रत्याख्यान में कृष्ण लेश्या हो सकती है? और अनंतानुबंधी शुक्ल लेश्या हो सकती है?