क्षायिक समकित और नरक गति

श्रेणिक महाराजा का नरक आयुबंध समयक्तव से पहले हुआ और पश्चात क्षयिक समकित हुआ। जब नरक गमन हुआ तब मनुष्य गति में समयक्तव छूट कर वापिस नरक गति में ग्रहण किया या समयक्तव छूटे बिना ही गति परिवर्तन हुआ ?? (हो सके तो आगम आधार से समाधान करें)

क्यूंकि राजा श्रेणिक क्षायिक सम्यक्त्व के धारी हैं, उनका सम्यक्त्व छूटा नहीं था। अतः मनुष्य आयु पूर्ण होने पर प्रथम नरक गमन के समय उनको नियम से सम्यक्त्व था।

तथा सम्यक्त्व के साथ 2-7 नरक में गमन नहीं होता है, परन्तु प्रथम नरक मे गमन करने का निषेध नहीं आता है।

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