लोकेट पहनना चाहिए या नहीं?

गले में या हाथ में लोकेट, कड़ा जिस पर ऊँ, स्वस्तिक या अन्य धार्मिक चिन्ह अंकित हों उन्हें पहन सकते हैं या नहीं?? कृपया समाधान कीजिए

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जैन दर्शन में सादगी एवम सदाचार मय जीवन जीने का उपदेश गृहस्थ के लिए होता है।

इसमे अनावश्यक वस्तु त्यागने योग्य है।कम कम से कम परिग्रह एवम संयोग के साथ जीवन जीना चाहिए।

लॉकेट आदि सब अन्य को प्रभावित करने एवं ओम आदि से मेरा कुछ भला हो जायेगा ऐसी भावना से पहनते है।

इसमे केवल अविनय का दोष के अलावा कुछ भी नही होता ।नाही इससे मोक्षमार्ग में आगे बढ़ने में कोई सहायक बनता है।अपितु ये अर्थदंड के अंतर्गत आएगा।

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प्रथमानुयोग की एक कथा के अनुसार किसी सम्यग्दृष्टि सेठ ने मुनिसुव्रत नाथ भगवान की मूर्ति को अँगूठी में पहना था। और भी कई उदाहरण हैं, भरत चक्रवर्ती आदि के अनेक मंगल चिह्नों से सुशोभित बाजूबंद, कड़े आदि का भी वर्णन मिलता है।

मेरा मानना है कि जैसे क्षमा माँगने या न माँगने का धर्म से कोई लेना देना नहीं है, वैसे ही कड़ा आदि पहनने और न पहनने से धर्म का कोई सम्बन्ध नहीं है।

महाव्रतियों और ब्रह्मचारियों के लिए निषिद्ध है, बाकी का कोई नियम नहीं बनाया जा सकता।

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मोक्षमार्गप्रकाशक में आया है की उन्होंने ऐसा अज्ञान से किया था।
आभूषण पहनने में तो कोई आपत्ति नहीं है, पर जिसमे अविनय होने का संदेह हो, ऐसा काम करना ही क्यों ?

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तन्मय भाई,

वैसे तो जब मुनिराजों की मंद कषाय भी वाँछनीय नहीं है तो हमारे सारे राग निंदनीय क्यों न हों। फिर भी 6 आवश्यकों का पालन देव-शास्त्र-गुरु के श्रद्धान के साथ विरोधी नहीं है।

किसी भी कोई भी बात को बिना उसके सन्दर्भ के नहीं प्रयोग में लेना चाहिए। (वक्तुरभिप्रायो नयः)

आप यदि इतिहास को टटोलें तो ऐसी अनेकों कलाकृतियाँ हैं जिनमें जिन मुद्रा को ऐसे ऐसे स्थानों पर चिह्नित किया गया है कि हमारी सोच नहीं जाती।

और इन्हीं के कारण आज हमारे सामाजिक ऐतिहासिक अस्तित्व पर बड़ा प्रभाव है।

अब बात करें विनय अविनय की तो धवला में अनेक प्रकार के मंगल बताए गए हैं। जब चावल, हल्दी, सोना, चाँदी आदि को मंगल माना जाता है तो उन पर किसी चिह्न को बनाना हमारी श्राद्ध का प्रतीक है।

पसीने आदि पर उसका प्रभाव भी इतना अधिक नहीं होता।

जिनकी directly पूजा होती है, उन्हें न बनाएँ लेकिन उनके प्रतीक ॐ आदि को बनाने से मन्दिर के बाद भी मन्दिर आपके साथ रहता है।

नोट - मैंने कभी कुछ पहना नहीं और आगे कुछ पहनने का प्रश्न भी नहीं है। लेकिन उसके कारण किसी को judge करना ठीक नहीं।

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अस्तु।
आपके द्वारा बताया गया यह समाधान संतुष्टि कारक है।

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