साबूदाना एक ऐसा पदार्थ है जो जमींकंद से ही बनता है।
कारखानों में बहुत मात्रा में शकरकंद को लाया जाता है तथा उसको छीलकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके एक बहुत बड़ी छत पर पानी में भिगोकर लगभग 1 माह के लिए छोड़ दिया जाता है जब तक कि वह धूप से सूख नहीं जाते।
इसके दौरान उस 1 माह तक सड़ते हुए शकरकंद में यदि अनुमान भी लगाया जाए तो भी अनंत अनंत त्रस एवं स्थावर जीवो की उत्पत्ति नियमित रूप से होती रहती है।
इस कारण बहुत अधिक मात्रा में जीव हिंसा होने से वह शकरकंद से निर्मित साबूदाना त्याज्य ही है।
अर्थात इसमें त्रसघात, बहुघात एवं उन जीवो के उत्पत्ति स्थान रूप अनिष्टकारक अभक्ष्य का भी दोष लगता है।
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