शादीशुदा महिलाओं का सिंदूर लगाने का कारण क्या है?

शादीशुदा महिलाओं में सिंदूर लगाने का कारण क्या है
क्या ये हिंदू मान्यता से प्रेरित है ?
ऐसा करना मिथ्यात्व का पोषण है या नहि ??

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सिन्दूर लगाने का धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है सिन्दुर तो लोक व्यवहार में शादीशुदा की पहचान का चिन्ह है कुछ लोगों में यह नहीं भी लगाया जाता है कोई ऐसा माने की सिन्दूर लगाने से पति की आयु लम्बी होगी और न लगाने से अपशकुन होगा तो ऐसा मानना मिथ्यात्व है विज्ञान की दृष्टि से इसका सम्बध स्वास्थ्य से है सिन्दूर में कइ प्रकार के औषधितत्व होते हैं जिसको माँग में लगाने से दिमाग सक्रिय होता है जैन धर्म में भी सिन्दूर लगाने की परम्परा है विवाहादि कार्यों में कुल परम्परा मानने में कोई दोष नहीं किन्तु धर्म में कुल परम्परा नहीं चलेगी लोक की दृष्टि से शादीशुदा की पहचान के चिन्ह के रूप में लगाने में कोई बुराई नहीं है और कोई न भी लगाये तो कोई बड़ा दोष नहीं आजकल शादीशुदा और अविवाहित में अन्तर नहीं पता लग पाता लोक में सिन्दुर आदि से ही विवाहित और अविवाहित पहचान होती है

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