जैन धर्म के प्रति अपने झुकाव को सुधारने और बढ़ाने के लिए आप रोजाना कौनसे प्रयास करते हैं?

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मैं जैन धर्म के प्रति अपने झुकाव को सुधारने और बढ़ाने के लिए निम्नलिखित प्रयास करता हूं:

  • दर्शन के लिए रोज जिनालय जाता हूँ और मैं सुविधा के अनुसार पूजा भक्ति आदि करता हूं।

  • ऑडियो व्याख्यान सुनना :
    मैं जैन आगम के विभिन्न सूक्ष्म विषयों के बारे में मेरी समझ को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से पूज्य गुरुदेव कानजी स्वामी के व्याख्यान सुनता हूँ।

  • जिनवाणी - शास्त्र स्वाध्याय

मैं नियमित रूपसे निम्न शास्त्रों का स्वधाय करता हूँ
आचार्य कुंदकुंद द्वारा रचित श्री समयसार परमागम
पंडित टोडरमलजी द्वारा रचित मोक्षमर्ग प्रकाशक
पंडित दीपचंदजी कासलीवाल द्वारा रचित अनुभव प्रकाश
श्रीमद् राजचंद्रजी द्वारा रचित श्री आत्मसिद्धि शास्त्र
श्रीमद् राजचंद्रजी द्वारा रचित श्रीमद राजचंद्र ग्रन्थ
पंडित दौलतरामजी द्वारा रचित छह ढाला
(और बहुत सारे)

  • स्वस्थ चर्चा होने से किसी भी विषय को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है, इसलिए मैं JinSwara जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर और व्यक्तिगत रूप से या WhatsApp ग्रुप के माध्यम से विभिन्न विषयों पर चर्चा करता हूं।
  • मुसाफरी करते समय मैं आध्यात्मिक भक्ति गीत सुनता हूं।
  • साल में 3-4 बार तीर्थ स्थानों पर यात्रा हेतु जाता हूं।
  • पूरे सालमें आने वाले धार्मिक कार्यक्रमों जैसे कि दश लक्षण पर्व , उपरांत विभिन्न आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी और आध्यात्मिक शिविरोंमें उत्साहपूर्वक मैं शामिल होता हूं।
  • अलग से समय निकाल कर, मैंने जो कुछ पढ़ा, सुना या चर्चा की है, उस पर चिंतन - मनन करता हूँ और ध्यान करने का प्रयत्न करता हूँ।

तो इस तरह से, मैं अपने आप को ऐसे धार्मिक माहौल में रखता हूं ताकि मेरी आत्मकल्याणकी रुचि को बरक़रार रखा जा और बढ़ाया जा सके जिससे मोक्ष प्राप्ति का मेरा प्रयोजन अतिशीघ्र पूर्ण हो।

पूछने के लिए धन्यवाद।

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