दूध के उपयोग की विधि और समय मर्यादा

चरणानुयोग के मूल ग्रंथ में कहीं दूध के उपयोग की विधि और समय मर्यादा का वर्णन हो तो कृपया बताएं

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ज्ञानानंद श्रावकाचार

दूध की मर्यादा 48 minute की है गरम होने के बाद 8 प्रहर की मर्यादा है।
उसके बाद उसमे त्रस जीव उत्पन्न हो जाते हैं।
थैली का दूध अभक्ष्य है।

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अभय जी इसमे स्पष्ट लिखा है कि दूध को छानना चाहिए उसके बाद दूध की मर्यादा पानी की तरह ही बताई है।

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जैनेन्द्र प्रमाण कोष

Can this be the reason for giving maryada kaal for milk?

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दूध को छानकर गाय के पेट मे कैसे पहुचा सकते है?
जहां तक हो सके वहां तक पालन करना चाहिए।

Yes,
But not only for milk its realated to all food items for maryada kaal.

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These permanently fitted छन्ना do more harm than good to त्रस जीव but we do not understand because of “जहां तक हो सके वहां तक पालन करना चाहिए।”

We think in terms of punya and paap ( business) instead of पीड़ा to त्रस जीव.

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आपके परिणाम बहुत उज्ज्वल है।
आपका पालन चर्या भी उतनी ही उत्कृष्ट होगी।
आप मोक्षमार्ग में और आगे बढ़े और जल्द ही भगवान बने ऐसी मंगल भावना।:pray::pray::pray:

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Same as water.

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**मूल ग्रन्थों मे इसका उल्लेख शायद ही मिले पिछले कुछ सौ सालों के ग्रंथो मे मिलेगा जैसे कि ज्ञानानन्द श्रावकाचार **