डेढ़ गुण हानि क्या है

डेढ़ गुण हानि क्या होती है
किर्पया विस्तार से जानकारी दे

इसके अधिक स्वाध्याय हेतु गोम्मटसार कर्मकाण्ड की 5वीं गाथा में गुण-हाणी ण दिवड्ढम इस पद की विशेष व्याख्या सर्वत्र दी गई है।

जितने कर्म उदय में आकर खिर रहे हैं उससे 1/2 गुणित कर्म सत्ता में पड़े हुए हैं।

एक प्रस्तुतिकरण निम्न आशुचित्रों में देखें।

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चित्र कँहा है

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जितने खिरते हैं उससे डेढ़ गुण सत्ता में रहते हैं, ऐसा सही नहीं है।
इस संबंध में इस लेख में विस्तार से स्पष्ट किया है।
https://drive.google.com/file/d/1KXSK9xRt_4GUJeyrpwJK1p72fHrHM6WO/view?usp=drivesdk

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इसका एक अन्य आगमाधारित प्रस्तुतिकरण शोधार्थी ऋषभ जी ने लेख के रूप में किया है। अवश्य पढ़ें। मेरी समझ से वह उपर्युक्त से ज्यादा प्रामाणिक है।

https://drive.google.com/file/d/15jn5I3kmu5AMMKzQctFS7Qu_RNPQTg-0/view?usp=drivesdk

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