पान अभक्ष्य क्यों

क्या पान अभक्ष्य है? यदि हाँ तो क्यों

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हा पान अभक्ष्य है।

पान की नसों में त्रस जीव पाए जाते है।इसी लिए पत्ता की सब्जी नही खाते है। 2 इंद्रिया या उससे ऊपर के जीव त्रस जीव में आते है उनका शरीर मांस युक्त होता है उनका भक्षण करने से मांस खाने के अतिचार में आएगा।

ग्रंथ नाम - क्रियाकोश

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ग्रंथ नाम - रत्नकरंड श्रावकाचार

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-श्री प्रद्युम्न कुमार चारित्र

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पुराणों में आई संसार अवस्था की सारी बाते ग्रहण करने योग्य नही है।
यहां तक कि तदभव मोक्षगामी महापुरूष की भी संसार की सारी बाते ग्रहण के योग्य नही है।

1)जैसे पांडवो ने जुआ खेला था

2)मल्लीनाथ भगवान के समोशरण में एक जीव शिकार करके आया था उसने वही पर दीक्षा ली और वो मोक्ष भी चला गया।

  1. इंद्रभूति गौतम वे तो गृहीत मिथ्या दृष्टि थे।

प्रथमानुयोग में वैराग्य रूप भाव को ग्रहण कर उसी तरह पढ़ना चाहिए चरणानुयोग घुसाने से कई समस्या आ सकती है।
चरणानुयोग के लिए उसी के ग्रंथ पढ़ना ।

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Plz check the publication. I have read this and has many errors which can’t be justified.

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