द्रव्य-पर्याय का स्वरूप

द्रव्य-पर्याय किसे कहते है?

द्रव्य-अर्थपर्याय स्वभाव - सिद्धावस्था (सूक्ष्म)
द्रव्य-अर्थपर्याय विभाव - संसारावस्था

(द्रव्य में प्रतिसमय होने वाले प्रतिक्षणवर्ती परिवर्तन को अर्थ पर्याय कहते हैं। - प्रवचनसार 80/अलाप पद्धति)

द्रव्य-व्यंजनपर्याय स्वभाव - सिद्धावस्था (स्थूल)
द्रव्य-व्यंजनपर्याय विभाव - मनुष्यादि

(प्रतिसमय के परिवर्तन के फलस्वरूप दिखनेवाले स्थूल परिवर्तन को व्यंजन पर्याय कहते हैं। - भाव संग्रह 377)

Please refer आलाप-पद्धति or an article.

I don’t know how to attach the article here.

3 Likes

You can add a link to it.

Dravya prayay (vibhav) - do dravyo ko milakar ek prayay, bhed- saman jati dravya prayay, assman jati dravya prayay (pravchansaar)
Dravya praya (swabhav) ek dravya ki prayay

1 Like

अनेक गुणों के एक समयवर्ती पर्यायों के समूह को द्रव्य पर्याय कहते हैं। जैसे - आम का कच्चापन और पक्कापन।

  • नय दर्पण 85

द्रव्य के आकार या संस्थान सम्बन्धी पर्याय को द्रव्य पर्याय कहते हैं।

  • नय दर्पण 85

त्रिकालवर्ती समस्त गुणों का समूह द्रव्य है और उन सकल गुणों के एक समय के पृथक्-पृथक् पर्यायों के समूह का नाम द्रव्य पर्याय है।

इसे अर्थ और व्यंजन पर्याय पर पहले ही घटा चुके हैं।

3 Likes