लौकांतिक देवो को कौन सा सम्यग्दर्शन होता है

लौकांतिक देवो मे कोण सा सम्यग्दर्सन होता है

3 Likes

Kshayik Samyakdarshan because there have only 1 birth left and are not going to become mithyadrishti again.

1 Like

क्षायोपक्षमिक सम्यक दर्शन के होने में भी कोई आपत्ति नहीं दिखाई देती।

2 Likes

Kya koi praman bhi hai kya

To wo leke jate hai ya wahan hota hai

आगम से प्रमाण ढूंढ़ना अभी शेष है…

उपशम श्रेणी में द्वितीयोपशम सम्यकदर्शन के साथ 8वे से लेकर 11वे गुणस्थान में मरण होने पर लौकांतिक देव हो सकते है और ऐसे में उपशम सम्यकदर्शन लेकर जाना भी संभव है (उपशम का जितना काल शेष है उतने समय के लिए)।

यह तो लेकर ही आएंगे परंतु द्वितीयोपशम का काल पूरा होने पर होने वाले क्षायोपशम सम्यकदर्शन की प्राप्ति वहीं कहीं जाएगी।

अन्य स्थितियों में क्षायोपशम सम्यकदर्शन और क्षायिक सम्यकदर्शन मनुष्य गति से ही लेकर जाएंगे। (कारण की लौकांतिक देवों में जाने वाले जीव सम्यकदृष्टि ही होते है)।

4 Likes

तो क्या वर्तमान के पंचम कल के मुनि लौकांतिक देव हो सकते है

Yes. There is no problem. Since a soul can go to the 8th heaven with the worst sahanan i.e. Asamprapta Sripatika and the Lokantik Devas reside in the highest end of the 5th heaven hence it’s possible.

1 Like

तो उनका kchchik सम्यक दर्शन कैसे बनेगा क्योकि उसके लिये तो केवली या शुरुत केवली के पाद मूल की आवश्यकता है

There were shrutkevali till the beginning 100-400 years of the 5th Era so it was possible back then.

तो क्या अभी के मुनि लौकांतिक देव हो सकते है

There seems to be no problem with that. Although I believe there will only be rare munis in this 5th era whose counts can be at maximum in 3 digits at most who will become lokantik devas.

हो गए या होंगे क्योंकि 123 जीवो के महावेदह जाने का तो आता है