समवाय का स्वरूप

समवाय किसे कहते हैं? किस-किस ग्रंथ में इसकी चर्चा विस्तार से मिलती है?

2 Likes

सम्यग ज्ञान चन्द्रिका में इसका वर्णन मिलना चाहिए। अगर थोड़ा स्थूल रूप से समझना हो तो उज्ज्वला जी शाह की “कारण कार्य रहस्य” में स्थूल वर्णन है: http://www.jainsiddhant.org/uploads/publications/Kaaran-Kaarya-Rahasya-ENG.pdf

समवाय अर्थात्त जब भी कोई कार्य होता है तो उस कार्य के सारे कारण मौजूद होते है। इन सभी कारणों को मिलकर समवाय कहते है।

1 Like

महापुराण में भी है।

साथ ही आप चाहें तो मैं पांच समवाय पर छपी पुस्तक भेज सकता हूँ।

अगर आप समवाय की पुस्तक भेज सके तो कृपया भेज देवे। pdf लिंक हो तो वह भी चलेगा।

https://drive.google.com/file/d/1a02Q6jnwSS1RGA3Wl2U9R4Vshzvsn0eK/view?usp=drivesdk

1 Like